बहानेबाज़ी की भी कोई हद होती है? या गिनती होती है? अभी तो दस कहा है, देखिए कितने बहाने सामने आते हैं
बहुत सुन्दर गाना याद किया.
हम भी मिले थे कभी जमुना किनारे राधा किशन थे कभी नाम हमारे 'पंक्तियाँ प्रेम के उद्दात्त रूप को दर्शाता है और इसीलिए ये गाना मुझे पसंद है. बहुत खूबसूरत और मधुर गीत. आँखे बंद करके सुना जाये तो कालिंदी के तट पर ले जाता है आज भी.हा हा हा
bahut sundar geet hai
बहुत सुन्दर गाना याद किया.
ReplyDeleteहम भी मिले थे कभी जमुना किनारे
ReplyDeleteराधा किशन थे कभी नाम हमारे '
पंक्तियाँ प्रेम के उद्दात्त रूप को दर्शाता है और इसीलिए ये गाना मुझे पसंद है. बहुत खूबसूरत और मधुर गीत. आँखे बंद करके सुना जाये तो कालिंदी के तट पर ले जाता है आज भी.
हा हा हा
bahut sundar geet hai
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