"दिल इनसान का एक तराज़ू - जो इनसाफ़ को तोले
प्रीत बिना ये जीवन सूना - ये पागल प्रेमी बोले…"
क्या आप जानते हैं इस गायक का नाम? जिन्होंने ये शुरूआती पंक्तियाँ गाई हैं - पृष्ठभूमि में - बैकग्राउण्ड में - रफ़ी साहब और लता जी की आवाज़ में धरमजी-हेमाजी के लिये गीत शुरू होने से पहले। अगर ये जवाब कोई दे ले गया तो ठीक - वर्ना एक और आसान सवाल इसके नीचे अगले गीत के साथ
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