Twit-Bits

Thursday, July 29, 2010

हर दिल जो प्यार करेगा…

आज बिना भूमिका - बिना उपसंहार : मज़ा लीजिए इस पुराने गीत का…

2 comments:

  1. दीवाना सैकड़ों में पहचाना जाएगा.

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  2. सब ने अपनी अपनी कह दी
    लेकिन हम चुपचाप रहे .....
    संगम फिल्म के गाने बड़े ही मधुर हैं आज भी सुनने पर मजा आ जाता. इस फिल्म के दो शरारती गाने भी मुझे बहुत पसंद है.
    जब भी उलटी सीधी ड्रेस पहनती हूं 'इनको' डांस करके बतलाती हूं -'मैं क्या करूँ राम मुझे बुड्ढा मिल गया ' और ये हंसते हंसते लोट पोट हो जाते हैं.
    ऐसा ही शरारती गाना है -ओ महबूबा ओ महबूबा तेरे दिल के पास ही है मेरी मंजिले मकसूद (शायद यही शब्द है)
    वो कूं सी जगह है जहाँ तू नही मोजूद.
    हिमांशु! आपके ब्लोग पर आना वसूल हो गया.
    हा हा हा

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